Tanhai Shayari - हर किसी के जीवन में तन्हाई होना बहुत ही आम बात है क्युकी कभी न कभी ऐसा वक्त आता है जब आप तनहा हो जाते है और सिर्फ अकेला रहना पसंद करते है। जीवन में हमेशा आपको वह चीज नहीं मिलती जो आप चाहते हो इसलिए कुछ पाल अकेला रहना भी सीखिए। आदमी तनहा तब हो जाता है जब जिससे वो प्यार करता है वो छोड़कर चला जाये या फिर उसका विस्वास टूट जाये। ऐसे वक्त में आदमी तनहा हो ही जाता है। इस दुनिया में हर किसी को दुःख और ख़ुशी दोनों ही मिलनी है तो हर चीज को महसूस करिये और आगे भाड़ जाइये।
Tanhai Shayari
आज के इस लेख में हमने आपके लिए Tanhai Shayari साझा की है जिनको आप पढ़ सकते हो और अपने सोशल मीडिया के माध्यम से हर जगह शेयर भी कर सकते हो। कहते है न की शेयर करने से मन का भर हल्का हो जाता है तो आप जितना हो सके उतना Tanhai Shayari को शेयर करियेगा और अपने मन को हल्का करियेगा। जब भी एक व्यक्ति तनहा होता है तो उसको कुछ वक्त रूक कर रो लेना चाहिए जिससे की उनका मन हल्का हो सके।सुकून से तेरी तस्वीर देख कर खुद को महफूज़ कर लेते है,
तन्हाई मैं जब भी तेरी याद आये तुझे महसूस कर लेते है।
गुजर जायेगा ज़माना तेरी याद नही गुजरती,
ना चाहकर भी ज़ख्म रोज मिल जाते है।
तन्हा रह कर भी कभी मुस्करा जाते है,
गम मिले तो उसे भी पी जाते है।
बड़ा दर्द देती है तेरी तन्हाई,
जिस्म मैं आग सी लगा जाती है,
कोई तो वजह दे मुस्कराने की,
मैं रोता हु तो रोती है मेरी तन्हाई।
किस से कहु अपनी तन्हाई का आलम,
लोग चहरें के हसी देख, बहुत खुश समझते हैं।
यूं ही तन्हाई में हम अपने दिल को सज़ा देते हैं,
नाम लिखते हैं तेरा लिख कर मिटा देतें हैं।
आग ऐसी थी तन्हाई की, की मेरा घर जला दिया,
भीड़ तो बहुत थी धुँवा देखने वालों की,
मगर कोई दो बूंद पानी का ना ला दिया।
जगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न था,
ढूँढ़ने निकला था जिसको बस वही चेहरा न था,
हम वही, तुम भी वही, मौसम वही, मंज़र वही,
फासले बढ़ जायेंगे इतने मैंने कभी सोचा न था।
Tanhai Shayari
इस तरह हम सुकून को महफूज़ कर लेते हैं,
जब भी तन्हा होते हैं तुम्हें महसूस कर लेते हैं।
तेरे वजूद की खुशबु बसी है साँसों में,
ये और बात है नजरों से दूर रहते हो।
मीठी सी खुशबू में रहते हैं गुमसुम,
अपने अहसास से बाँट लो तन्हाई मेरी।
हुआ है तुझसे बिछड़ने के बाद ये मालूम,
कि तू नहीं था तेरे साथ एक दुनिया थी।
दूसरा कोई गम नही ज़िन्दगी मैं सिर्फ तेरी एक जुदाई के सिवा,
कुछ नही मिला ज़िन्दगी मैं सिर्फ तेरी तनहाई के सिवा।
ज़माना सिर्फ कहने को अपने साथ है,
मगर दिल मे छुपके से एक तन्हाई पलती है।
ना ढूंढ़ मेरा किरदार दुनियाँ की भीड़ में,
वफादार तो हमेशा तन्हा ही मिलते है ।
यादों में आपके तनहा बैठे हैं,
आपके बिना लबों की हँसी गँवा बैठे हैं,
आपकी दुनिया में अँधेरा ना हो,
इसलिए खुद का दिल जला बैठे हैं।
ज़िन्दगी के ज़हर को यूँ पी रहे हैं,
तेरे प्यार के बिना यूँ ज़िन्दगी जी रहे हैं,
अकेलेपन से तो अब डर नहीं लगता हमें,
तेरे जाने के बाद यूँ ही तन्हा जी रहे हैं।
Tanhai Shayari in Hindi
अपनी मुस्कान पर सारे दर्द छिपा जाते है,
वो इशारो पर हर वक़्त हमारे छा जाते है,
फिर भी वो मेरे दिल के दर्द को पढ़ नही पाते है।
कई दर्द छिपे है सीने मैं मगर तेरी एक मुस्कान अधूरी सी लगती है,
अब तो बिन तेरे ना जाने क्यों हर शाम अधूरी सी लगती है।
कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी,
हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है।
कभी पहलू में आओ तो बताएँगे तुम्हें,
हाल-ए-दिल अपना तमाम सुनाएँगे तुम्हें,
काटी हैं अकेले कैसे हमने तन्हाई की रातें,
हर उस रात की तड़प दिखाएँगे तुम्हें।
कुछ इस तरह तेरे दिल के करीब आते गए,
हम तन्हाइयो के और भी नजदीक जाते गए।
मुझे तन्हाई की आदत है,
मेरी बात छोडो, तुम बताओ कैसी हो ?
कांटो सी दिल में चुभती है तन्हाई,
अंगारों सी सुलगती है तन्हाई,
कोई आ कर हमको जरा हँसा दे,
मैं रोता हूँ तो रोने लगती है तन्हाई।
कितना अधूरा सा लगता है जब बादल हो बारिश न हो,
आँखें हो कोई ख्वाब न हो और अपना हो पर पास न हो।
मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना,
कभी मिलने की हसरत कभी देखने की तमन्ना।
ए मेरे दिल, कभी तीसरे की उम्मीद भी ना किया कर ,
सिर्फ तुम और मैं ही हैं इस दश्त-ए-तन्हाई में।
इश्क़ मैं तो हर तरफ सिर्फ तन्हाई का साया है,
मोहब्बत मैं तो सिर्फ कुछ लोगों ने ही सच्चा प्यार पाया है।
Tanhai Shayari Hindi
मेरा और उस चाँद का मुकद्दर एक जैसा है,
वो तारों में तन्हा है और मैं हजारों में तन्हा।
मेरी तन्हाई को मेरा शौक न समझना,
बहुत प्यार से दिया है ये तोहफा किसी ने।
इस तन्हाई का हम पे बड़ा एहसान है साहब,
न देती ये साथ अपना तो जाने हम किधर जाते।
उनके जाने के बाद, तन्हाई का सहारा मिला है,
इसकी आगोश में आये, फिर निकलना नही आया।
तन्हाइओं के आलम की ना बात करो दोस्त,
वर्ना बन उठेगा जाम और बदनाम शराब होगी।
कभी घबरा गया होगा दिल तन्हाई में उनका,
मेरी तस्वीर को सीने से लगा कर सो गए होंगे।
हम अंजुमन में सबकी तरफ देखते रहे,
अपनी तरह से कोई हमें अकेला नहीं मिला।
बिछड़ के भी वो रोज मिलता है मुझे ख्वाबों में,
अगर ये नींद न होती तो कब के मर गए होते।
जिंदगी के ज़हर को यूँ हँस के पी रहे हैं,
तेरे प्यार बिना यूँ ही ज़िन्दगी जी रहे हैं,
अकेलेपन से तो अब डर नहीं लगता हमें,
तेरे जाने के बाद यूँ ही तन्हा जी रहे हैं।
यूँ तो हर रंग का मौसम मुझसे वाकिफ है मगर,
रात की तन्हाई पर मुझे कुछ अलग ही जानती है।
जरुरत जब भी थी मुझको किसी के साथ की,
उन्हीं मखसूस लम्हों में मुझे छोड़ा है अपनों ने।
कहने लगी है अब तो मेरी तन्हाई भी मुझसे,
मुझसे कर लो मोहब्बत मैं तो बेवफा भी नहीं।
कुछ लोग जमाने में ऐसे भी तो होते हैं,
महफिल में तो हंसते हैं तन्हाई में रोते हैं।
सुबकती रही रात अकेली तन्हाईओं के आगोश में,
और वो काफ़िर दिन से मोहब्बत कर के उसका हो गया।
Sad Tanhai Shayari
इस तरह हम सुकून को महफूज़ कर लेते हैं,
जब भी तन्हा होते हैं तुम्हें महसूस कर लेते हैं।
मेरी तन्हाइयाँ करती हैं जिन्हें याद सदा,
उनको भी मेरी जरुरत हो जरूरी तो नहीं।
इन उदास कमरों के कोनों की गीली तन्हाई,
वक़्त की धूप के साथ सूख ही जायेगी।
यूँ भी हुआ रात को जब लोग सो गए,
तन्हाई और मैं तेरी बातों में खो गए।
कोसते रहते हैं अपनी जिंदगी को उम्रभर,
भीड़ में हंसते हैं मगर तन्हाई में रोया करते हैं।
दिल को आता है जब भी ख्याल उनका,
तस्वीर से पूछते हैं फिर हाल उनका।
कभी सोचा न था तन्हाइयों का दर्द यूँ होगा,
मेरे दुश्मन ही मेरा हाल मुझसे पूछते हैं।
एहतियातन देखता चल अपने साए की तरफ,
इस तरह शायद तुझे एहसास-ए-तन्हाई न हो।
इस कदर हम तन्हाइयो को मेहफ़ूज़ कर लेंगे,
जब तेरी याद आएगी तुम्हे याद कर लेंगे।
अकेले ही गुजर जाती है तन्हा ज़िंदगी,
लोग तसल्लियाँ तो देते हैं साथ नहीं देते।
मीठी सी खुशबू में रहते हैं गुमसुम,
अपने अहसास से बाँट लो तन्हाई मेरी।
तुम से बिछड़ के कुछ यूँ वक़्त गुज़ारा,
कभी ज़िंदगी को तरसे कभी मौत को पुकारा।
Tanhai Shayari
तन्हाई की आग में कहीं जल ही न जाऊँ,
के अब तो कोई मेरे आशियाने को बचा ले।
खुदा करे के तेरी उम्र में गिने जाये,
वो दिन जो हमने तेरे हिज्र में गुजारे है।
दिल की तन्हाई को Post बना लेते है,
दर्द जब हद से गुजरता हैं, तो Facebook चला लेते हैं।
हजार रंग भरे जिंदगी के खाके में,
तेरे बगैर ये तस्वीर नामुकम्मल रही।
देख रात कहती हैं, आजकल मोहब्बत बिकती हैं,
जो खरीद नहीं पाता, उसको बस तन्हाई मिलती हैं।
एक पल का एहसास बनकर आते हो तुम,
दूसरे ही पल ख्वाब बनकर उड़ जाते हो तुम,
जानते हो की लगता है डर तन्हाइयों से,
फिर भी बार-बार तन्हा छोड़ जाते हो तुम।
मेरी तन्हाइयां करती हैं जिन्हें याद सदा,
उन को भी मेरी ज़रुरत हो ज़रूरी तो नहीं।
तू नहीं तो ये नजारा भी बुरा लगता है,
चाँद के पास सितारा भी बुरा लगता है,
ला के जिस रोज छोड़ा है तूने भंवर में मुझे,
मुझे दरिया का किनारा भी बुरा लगता है।
आखिरी शब्द:
आशा करता हूँ की आपको यह Tanhai Shayari पसंद आयी होंगी जहाँ हमने आपके लिए सबसे अच्छी Tanhai Shayari साझा की है। अगर आपको यह शायरी पसंद आयी हो इन्हे अपने जिंदगी में जरूर उतारियेगा और जितना जल्दी हो सके इस तन्हाई को खत्म करने की कोशिश करियेगा जिससे की आप फिरसे हसी ख़ुशी सारे काम कर पाए। एक वक्त ऐसा था की जब में भी तनहा हो गया था लेकिन अब बिलकुल सही हो चूका हूँ और अब मुझे फर्क नहीं पड़ता की कोई मेरी जिंदगी में आये या नहीं।
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