Papa Ki Pari Shayari - हर लड़की अपने आपको Papa Ki Pari बोलती जिसको सब लोग थोड़ा मजाक में लेते है लेकिन अगर हम देखे तो असल में एक बाप के लिए उसकी बेटी किसी पारी से काम नहीं होती क्युकी वो बाप होता है और एक बेटी इस दुनिया में लाखो खुशियां लेके अति है जो की सिर्फ एक पारी ही दे सकती है इसलिए हर लड़की अपने पापा की पारी होती है।
Papa Ki Pari Shayari
हर लड़की को गर्व होना चाहिए की उसके पिता ने उनको पारी मानते है लेकिन जब कोई लड़की कुछ गलत करती है तो वह बात उसके पिता पर जाती है क्युकी सब बोलते है की वह पापा की पारी है तो अपने पापा का नाम कभी मत डुबाना लड़कियों और उनके इस पारी शब्द को हमेशा बचके रहिये। आज के इस लेख में हमने आपके लिए कुछ Papa Ki Pari Shayari साझा की है जिसको आप पढ़ सकते हो और अपने सोशल मीडिया के माध्यम से सबको शेयर कर सकते हो।परी हूँ मैं, सोने सी खरी हूँ मैं, कई मुसीबतों से लड़ी हूँ मैं, अब अपने पैरों पर खड़ी हूँ मैं।
हर निगाहों को अपनी तरफ खींच रही है, नन्ही परी सो कर उठी है और आँखें मींच रही है।
मेरी नन्ही परी तो अब बड़ी हो गई, घुटनों पर चलते-चलते अब खड़ी हो गई।
आ तुझको ले चलूँ मैं ऐसे देश में, जहाँ खुशियाँ मिलती है परियों के वेश में।
प – पलकों में सजे हर ख्व़ाब पूरे हो, अरमान तुम्हारे कोई न अधूरे हो, री – रीढ़ बनो तुम परिवार व समाज की, ऐसा वजूद और नूर हो जीवन की।
मुझे छाँव में रखा, खुद जलती रही धूप में, एक परी देखा मैंने अपनी माँ के रूप में।
ख्व़ाब हो, परी हो या कोई कहानी हो, हकीकत में तुम मेरे दिल की रानी हो।
तुझको पास बुलाती है, दिल के सारे गमों को भुलाती है, ऐ मेरी प्यारी सी परी जिंदगी तुझमे ही समाती। - Papa Ki Pari Dp Shayari in Hindi
इश्क़ के सुरूर में खो गये, तेरे इश्क़ में इस कदर चूर हो गये, कहते थे ख़्वाबों की परी हो तुम आज उसी ख़्वाबों से दूर हो गये।
खट्टी-मीठी सी कोई रसभरी हो, तुम मेरी जिन्दगी की परी हो।
तुम संगमरमर का कोई टुकड़ा हो, या फिर हो तुम हुस्न की परी, तुम्हे देखते ही तुमसे मोहब्बत हो गई, कहीं तुमने की ना हो कोई जादूगरी।
मैं परी हूँ, ख्यालों में आती हूँ, दिल में नहीं।
परी हूँ तो कमजोर और नाजुक मत समझना, अपने मनचले जज्बातों को काबू में रखना
ख्व़ाब हो, परी हो या कोई कहानी हो, हकीकत में तुम मेरे दिल की रानी हो।
जन्नत में रहने वाली परी हो तुम, मेरी जान, मेरी जिंदगानी हो तुम, यारों मैं बैठ कर जो सुनते है मेरी जान वो कहानी हो तुम।
स्वप्न लोक में जब वो परी मेरे करीब आती है, इश्क़ का खुमार बनकर मेरे दिल पर छाती है।
मासूम तेरे चेहरे पर, तबस्सुम ये जो चार-चाँद लगाती है, झुका पलकें जब शर्माती है जैसे फलक से कोई परी उतर आती है।
वो परी भी अच्छी नहीं लगती, जब जिन्दगी में मंजिल नहीं मिलती।
हम कैसे बयाँ करे, आपकी खूबसूरती-ए-अंदाज को, बस समझ लीजिये कोई परी उतरी हो जैसे चाँदनी रात को।
Ma Papa Ki Pari Shayari
हम सब की आँखों में एक चमक सी छाई है, एक नन्हीं सी परी मासूमियत भरकर फिर से खिल-खिलाई है।
स्वप्न लोग से एक परी हृदय में आज समा गयी, हम देखते ही रह गये वो हम पर कहर ढा गयी. एक दिन उस परी को अपनी जिदंगी में लाऊंगा इस खूबसूरत से सपने को हकीकत बनाऊंगा।
उसे सजने सँवरने की जरूरत नहीं होती, बिखरी जुल्फों में भी वो परी सी लगती है।
प्यार की एक तू मूरत है, परियों सी तेरी सूरत है, दिल में है अब ख्वाब बड़ी मुझको तेरी जरूरत है। - Papa Ki Pari Funny Shayari
चाहत से ज्यादा, जिसे चाहूँगा मन्नत से ज्यादा जिसे मानूँगा कौन वो प्यारी परी होगी जिसके ख़ातिर जीना चाहूँगा।
तुम मेरे ख़्वाबों में इस कदर आती हो, जैसे आसमां से कोई परी उतरती हो।
बचपन में सुनी कहानियों की हकीकत वाली परी हो तुम।
रखा था उसे ख़्वाबों में संभालकर, ‘परी’ क्या कह दिया, उड़कर चली गई।
यह दुनिया मिठास घोलकर जहर देती हैं, ‘परी’ कहकर पंख कुतर देती हैं।
फिर रात चुपके से कोई कहानी सुनाएगी, और सुबह होते ही वो परी खो जायेगी।
Papa Ki Pari Shayari DP
फिजाओं में बसी है जैसे ख़ुशबू तेरी, समेट रखा है मैंने ऐसे हर यादों को तेरी, उड़ती हुई नजर आती हो जैसे कोई परी, बस एक तमन्ना बन सके तू सरेआम मेरी।
वो शहर-ए-हुस्न की परी थी, ऊपर से नीचे तक हुस्न से भरी थी।
वो थी कोई महकती परी, या जन्नत का फ़रिश्ता था, ताउम्र तो नहीं, जिससे सिर्फ कुछ लम्हों का रिश्ता था।
बिना बताये दर्द को समझ जाती हो तुम, माँ हो मेरी या कोई परी हो तुम।
जरूरी नही रौशनी चिरागों से ही हो, बेटियाँ भी घर में उजाला करती हैं।
खिलती हुई कलियाँ हैं बेटियाँ, माँ-बाप का दर्द समझती हैं बेटियाँ, घर को रोशन करती हैं बेटियाँ, लड़के आज हैं तो आने वाला कल हैं बेटियाँ।
बेटे भाग्य से होते हैं पर बेटियाँ सौभाग्य से होती हैं।
पापा की परी थी, पर दुनिया ने उड़ने नहीं दिया। - Papa Ki Pari Shayari
वो परी अंजान बनकर मिली थी, कब जान बन गयी पता ही नहीं चला।
पापा की परी हूँ मैं उड़ना उन्होंने ही सिखाया है चाहे कैसे भी हो हालात हँसते रहना उन्होंने बताया है।
हरदम सुख ही बरसे उस घर मुस्कान बिखेरे बेटियां जहाँ।
जिस घर मे होती है बेटियां रौशनी हरपल रहती है वहां।
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